Monday 13 November 2017

आईएएस अशोक खेमका बोले- ‘मन करता है नौकरी छोड़ दू

51वें तबादले पर झलका खेमका का दर्द, बोले- ‘मन करता है नौकरी छोड़ दू,फिर गांधी जी को पढ़ लेता हूं’

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News Dated 13/11/2017
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अशोक खेमका ने यह भी कहा है कि मैं अभी लॉ पढ़ रहा हूं. ये विषय मुझे बहुत प्रिय है. नौकरी के बाद लोक सेवा में प्रैक्टिस करने का मन है.


हरियाणा के आईएएस अधिकारी अशोक खेमका का 26 साल की नौकरी में कल 51वां तबादला हुआ. अब अशोक खेमका को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग से हटाकर खेल एवं युवा मामले विभाग का प्रधान सचिव बनाया गया है. अपने इस तबादले पर उन्होंने कहा है कि उनका नौकरी छोड़ने का मन करता है, लेकिन वह हमेशा गांधी जी को पढ़कर रुक जाते हैं.


तबादला करने से पहले गलती बताएं- खेमका

अशोक खेमका ने कहा है, ‘’गड़बड़ मेरे अंदर है या सरकार के? ये व्यू प्वाइंट की बात है. तबादला करना सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है.’’ उन्होंने कहा 80 दिनों के अंदर तबादला करना है तो बेशक करें, लेकिन अगर मेरे काम में कोई कमी है तो कम से कम मुझे बताया जाए ताकि मनोबल गिरे नहीं.’’

तबादले से बहुत पीड़ा हुई- खेमका

खेमका ने आगे कहा, ‘'जब मेरे पास फोन आया कि आपका तबादला कर दिया गया है तो मुझे बहुत पीड़ा हुई. मेरे दिमाग में बहुत प्लान थे लेकिन अब वह रह जाएंगे. फिर मैंने ट्वीट किया. उन्होंने कहा, ‘’कभी-कभी घरवाले बोलते हैं तो लगता है क्यों न नौकरी छोड़ दी जाए, लेकिन बाद में मैं गांधी जी की आत्मजीवनी पढ़ लेता हूं.’’

खेमका ने क्या ट्वीट किया?

अशोक खेमका ने अपने ट्वीट में लिखा था, ‘’बहुत सारा काम प्लान कर रखा था. लेकिन, तबादले की खबर क्रैश लैंडिंग की तरह आई. यही उम्मीद थी. यह स्वार्थ की जीत है. लेकिन यह अस्थायी है. नई स्फूर्ति और ऊर्जा के साथ काम जारी रखेंगे.’’

अशोक खेमका ने यह भी कहा, ‘’मैं अभी लॉ पढ़ रहा हूं. ये विषय मुझे बहुत प्रिय है. नौकरी के बाद लोक सेवा में प्रैक्टिस करने का मन है.’’ उन्होंने कहा, ‘’समाज में ऐसी कई कुप्रथाएं हैं जिन्हें हम कानून के द्वारा ठीक कर सकते हैं.’’

ऊंच-नीच, उतार-चढ़ाव हर पेशे में है- खेमका

खेमका ने कहा, ‘’जो लोग यूपीएससी से सिविल सर्विसे में आने की कोशिश कर रहे हैं, मैं उन्हें कहूंगा की जरुर करिए. ये एक बहुत अच्छा करियर है. इस क्षेत्र में करने के लिए बहुत कुछ है. इसी से आप समाज में परिवर्तन ला सकते हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘’ऊंच-नीच, उतार-चढ़ाव हर पेशे में है. अगर आप यह समझकर आते हैं कि इस काम में आराम है तो यह सही नहीं है. जबतक आपके जीवन में थोड़ी कठिनाई नहीं आएंगी तो आपको आनंद का मजा भी नहीं आएगा.’’

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