अधिकारों की जंगः Modi Govt. ने सुप्रीम कोर्ट में कहा- दिल्ली एक केंद्र शासित राज्य है
----------------------------------Delhi News Dated 22/11/17
----------------------------------
दिल्ली पर किसका कितना अधिकार है और कितना होना चाहिए? इस सवाल पर एक बार फिर से चर्चा तेज हो गई है। संविधान पीठ में मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने एक बार फिर अपना पक्ष रखा।
केंद्र सरकार की ओर से पेश वकील ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि दिल्ली राज्य नहीं है, बल्कि दिल्ली केंद्र शासित प्रदेश है। ऐसी स्थिति में दिल्ली को अनुच्छेद 239AA में कोई एक्सीक्यूटिव पावर ही नहीं है। दिल्ली के बारे में केंद्र सरकार को ही अधिकार है।
बता दें कि दिल्ली सरकार की एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने केंद्र सरकार से पूछा था कि क्या दिल्ली को अन्य राज्यों की तरह ही प्रशासनिक अधिकार दिए जा सकते हैं।
इससे पहले दिल्ली सरकार की पैरवी करते हुए अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने न्यायालय में कहा था कि एक ही जहाज के दो कप्तान होने के चलते (दिल्ली में) अराजकता की स्थिति पैदा हो गई है।
बता दें कि पिछले साल दिल्ली हाईकोर्ट ने एक फैसले में कहा था कि उपराज्यपाल ही दिल्ली के प्रशासनिक प्रमुख हैं। तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी और जस्टिस जयंत नंत की पीठ ने तब कहा था कि दिल्ली सरकार एलजी की मर्जी के बिना कानून नहीं बना सकती।
एलजी दिल्ली सरकार के फैसले को मानने के लिए बाध्य नहीं हैं और वे अपने विवेक के आधार पर फैसला ले सकते हैं। जबकि दिल्ली सरकार को कोई भी नोटिफिकेशन जारी करने से पहले एलजी की सहमति लेनी होगी।
अब दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार इसी फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुंची है। फिलहाल यह मामला संविधान पीठ के पास है और इस पर लगातार सुनवाई हो रही है।