Wednesday 15 November 2017

नए बस डिपो की ज़मीन के लिए 90 करोड़ रुपए DDA को दे चुकी है दिल्ली सरकार, राजनीतिक कारणों से अटकाई जाती हैं AAP सरकार योजनाएं

नए बस डिपो की ज़मीन के लिए 90 करोड़ रुपए DDA को दे चुकी है दिल्ली सरकार, राजनीतिक कारणों से अटकाई जाती हैं AAP सरकार योजनाएं
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Delhi News Dated 15/11/2017
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पैसा ख़र्च करने में दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार को ना तो कोई गुरेज है और ना ही परेशानी, दिल्ली सरकार जनहित से जुड़ी हर मद में पैसा ख़र्च करने के लिए योजनाओं बनाती हैं लेकिन उपराज्यपाल कार्यालय के माध्यम से आम आदमी पार्टी की सरकार की हर योजना राजनीतिक कारणों से रुकवा दी जाती है।
पार्टी कार्यालय में आयोजित हुई प्रैस कॉंफ्रेंस में बोलते हुए पार्टी के दिल्ली प्रदेश के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि ‘कुछ मीडिया संस्थान इस तरह की ख़बर चला रहे हैं कि दिल्ली सरकार के पास पर्यावरण टैक्स के तौर पर जो पैसा आया है उसे सरकार की तरफ़ से खर्च नहीं किया गया है, हम बताना चाहेंगे कि दिल्ली आम आदमी पार्टी की सरकार सभी मदों में पैसा ख़र्च करती है और योजनाएं तैयार करती है लेकिन हमारे हर काम को राजनीतिक कारणों की वजह से उपराज्यपाल कार्यालय के द्वारा रुकवा दिया जाता है।
उदाहरण के तौर पर अगर हम पर्यावरण को बचाने के लिए उद्येश्य से पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देना चाहते हैं और नई बसों की ख़रीद करते हैं तो उसके लिए दिल्ली सरकार के पास उन बसों को खड़ा करने के लिए ज़मीन नहीं है। ज़मीन के लिए दिल्ली आप सरकार पूरी तरह से केंद्र सरकार शासित डीडीए और उपराज्यपाल पर निर्भर है। दिल्ली की आप सरकार ने नए बस डिपो के लिए डीडीए को 90 करोड़ रुपए की पेमेंट भी कर दी है लेकिन डीडीए ने आजतक ज़मीन अलॉट नहीं की है। हम पैसा ख़र्च करने की कोशिश भी करते हैं तो उन कार्यों को राजनीतिक कारणों की वजह से रुकवा दिया जाता है।








प्रशासन से जुड़ी इन्हीं जटिलताओं के मुद्दे पर केंद्र सरकार और दिल्ली की चुनी हुई सरकार की शक्तियों को लेकर इस वक्त मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है और हम उम्मीद करते हैं कि दिल्ली में लोकतंत्र की जीत होगी और जनता की सरकार जनता के लिए काम कर पाएगी।

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