Friday 1 September 2017

12वीं में 98%, नीट के खिलाफ लड़ी, दाखिला न मिलने पर आत्महत्या

12वीं में 98%, नीट के खिलाफ लड़ी, दाखिला न मिलने पर आत्महत्या
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एजेंसियां, बेंगलुरु 02/09/17
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Image result for ANITA in NEET Case

•मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन के लिए होने वाले एग्जाम नीट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में बहस करने वाली तमिलनाडु की दलित लड़की अनीता ने आत्महत्या कर ली है। एमबीबीएस कोर्स में दाखिला न मिलने से वह डिप्रेशन में थी। 17 साल की अनीता अरियालुर जिले के कुझुमुर गांव की रहने वाली थी। उसने अपने घर में फांसी लगा ली। उसके पिता दिहाड़ी मजदूर हैं। 

अनीता ने 12वीं की पढ़ाई तमिलनाडु स्टेट बोर्ड से की थी। उसके इस एग्जाम में 98 पर्सेंट नंबर आए थे। पिछले साल तक तमिलनाडु के मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन 12वीं के नंबरों के आधार पर मिलता था। यानी यही नियम जारी रहता तो अनिथा को मेडिकल कोर्स में एडमिशन आसानी से मिल जाता। लेकिन इस बार सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु को नीट के तहत एग्जाम और काउंसिलिंग करने का आदेश दिया। केंद्र सरकार भी यही चाहती थी। नीट एग्जाम में अनीता को केवल 86 नंबर मिले। ऐसे में उसे एमबीबीएस कोर्स में दाखिला नहीं मिल पाया। इस कारण वह डिप्रेशन में थी। 

सिर्फ डॉक्टर बनना है’ : अनीता ने इंजीनियरिंग के इंट्रेंस एग्जाम भी दिए थे, जिसमें उसके काफी अच्छे नंबर आए। उसे मद्रास इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी में एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में एडमिशन मिल रहा था, लेकिन उसने दाखिला नहीं लिया। इसी तरह बेंगलुरु इंस्टिट्यूट ऑफ वेटरिनरी साइंस में उसका एडमिशन कन्फर्म था, लेकिन वह सिर्फ डॉक्टर बनना चाहती थी।

- नवभारत टाइम्स की खबर 

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