गोरखपुर में 30 मासूमों की मौत का मामला : दो चिट्ठियां, दो खुलासे...
एक चिट्ठी में कहा गया कि सिलिंडर की सप्लाई नहीं कर पाएंगे क्योंकि 63 लाख रुपये से ज़्यादा का बकाया हो गया है. दूसरी चिट्ठी 10 अगस्त की है जो ऑक्सीजन सिलिंडर सप्लाई करने वाली कंपनी के कर्मचारियों ने लिखी थी.
Reported by: NDTV इंडिया, Edited by: ख़बर न्यूज़ डेस्क , Updated: 12 अगस्त, 2017 1:22 PM
मासूमों की मौत पर अस्पताल की लापरवाही की बात सामने आ रही है क्योंकि अस्पताल प्रशासन के साथ साथ अस्पताल के बाल रोग विभाग को इसकी सूचना चिट्ठी के जरिए दी गई थी. इस चिट्ठी में कहा गया था कि अस्पताल में ऑक्सीजन सिलिंडर की कमी है. जान गंवाने वाले बच्चों में 5 नवजात शिशु भी थे. न मौतों की वजह आधिकारिक तौर पर भले ही नहीं बताई जा रही हो लेकिन कहा जा रहा है कि इसके पीछे ऑक्सीजन की कमी ही कारण है. जबकि, यूपी सरकार का कहना है कि ऑक्सीजन की कमी से मौत नहीं हुई. पिछले पांच दिनों में जिले में 60 बच्चों की दर्दनाक मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. पढ़ें- गोरखपुर हादसे पर नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने कहा- यह हादसा नहीं, हत्या है पहली चिट्ठी एक अगस्त की है जो अस्पताल में ऑक्सीजन सिलिंडर सप्लाई करने वाली कंपनी ने लिखी थी जिसमें लिखा गया है कि वे सिलिंडर की सप्लाई नहीं कर पाएंगे क्योंकि 63 लाख रुपये से ज़्यादा का बकाया हो गया है. ये चिट्ठी बीआर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल के साथ साथ गोरखपुर डीएम और उत्तर प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा विभाग महानिदेशक को भेजी गई है. पढ़ें- गोरखपुर हादसा, अटकती रही मासूमों की सांसें, टपकते रहे आंसू दूसरी चिट्ठी 10 अगस्त की है जो ऑक्सीजन सिलिंडर सप्लाई करने वाली कंपनी के कर्मचारियों ने लिखी थी. ये कर्मचारी अस्पताल में सिलिंडर देने का काम करते थे. ये चिट्ठी अस्पताल के बाल रोग विभाग के प्रमुख को संबोधित करते हुए एक चिट्ठी लिखी गई थी जिसमें ऑक्सीजन सिलिंडर सप्लाई कम होने की जानकारी दी गई है. शनिवार को जायजा लेने पहुंचे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि यह सीधे सीधे लापरवाही का मामला है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस्तीफा दे देना चाहिए. मौके पर पहुंचे इस डेलीगेशन में आजाद के अलावा, आरपीएन सिंह, राज बब्बर और प्रमोद तिवारी मौजूद थे.
गोरखपुर बीआरडी मेडिकल कॉलेज में बच्चों की मौत की वजह ऑक्सीजन सिलिंडर ख़त्म होने की बात सामने आई है. मेडिकल कॉलेज के सेंट्रल ऑक्सीजन सप्लाई यूनिट में ज़िलाधिकारी के आदेश पर नई संस्था मोदी फ़ार्मा ने सप्लाई शुरू की है जबकि पहले पुष्पा सेल्स नाम की कंपनी सप्लाई करती थी जिसका 63 लाख रुपये से ज़्यादा बकाया है. इसके बाद उसने सप्लाई बंद कर दी. पढ़ें- गोरखपुर हादसा- यूपी के मुख्यमंत्री इस्तीफा दें, गुलाम नबी आजाद 9 तारीख की आधी रात से लेकर 10 तारीख की आधी रात को 23 मौतें हुईं जिनमें से 14 मौतें नियो नेटल वॉर्ड यानी नवजात शिशुओं को रखने के वॉर्ड में हुई जिसमें प्रीमैच्योर बेबीज़ रखे जाते हैं. यह भी हैरतअंगेज है कि 10 अगस्त की रात को ऑक्सीजन की सप्लाई खतरनाक रूप से कम हो गई. डॉक्टर ने बताया कि जापानी बुखार से 8 से 12 बच्चे रोजाना मरते हैं... हालांकि स्थानीय प्रशासन ने बच्चों की मौत के कारणों का पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी है. अस्पताल के डॉक्टर ने बताया था कि परसों यानी 10 अगस्त को 23 बच्चों और कल 7 बच्चों की मौत हुई है. ये मौतें आईसीयू में हुई हैं. सांसद कमलेश पासवान ने अस्पताल का दौरा किया. डॉक्टर ने बताया कि जापानी बुखार से 8 से 12 बच्चे रोजाना मरते हैं. मामला इसलिए भी ज्यादा गंभीर हो जाता है कि यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद में हुआ है.