ऑड-ईवन स्कीम के लिए सरकार होने लगी तैयार
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Delhi News Dated 24/10/17
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पिछली बार जब ऑड-ईवन लागू हुआ था, तब प्राइवेट कॉन्ट्रैक्ट कैरिज की करीब 1200 बसें हायर की गई थीं
प्राइवेट कॉन्ट्रैक्ट कैरिज बसों को किराए पर लेने के लिए डीटीसी को लेटर लिखा
• नई दिल्ली : ऑड-ईवन स्कीम लागू होने पर एक बार फिर से प्राइवेट कॉन्ट्रैक्ट कैरिज बसों को हायर किया जाएगा। दिल्ली सरकार के ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने कॉन्ट्रैक्ट कैरिज बसों को लेकर डीटीसी के चेयरमैन को लेटर लिखा है। डीएमआरसी चेयरमैन को भी लेटर लिखकर मेट्रो की फ्रीक्वेंसी बढ़ाने की बात कही गई है। ऑड-ईवन की तैयारियों को लेकर ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर कैलाश गहलोत ने सोमवार को ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के अधिकारियों के साथ मीटिंग की। स्कीम लागू होने पर क्या कदम उठाए जाएंगे, इसपर चर्चा की गई। कॉन्ट्रैक्ट कैरिज की बसों को लाने से लेकर कंडक्टरों की भर्ती के मुद्दे पर भी चर्चा हुई।
बसों को लेकर तैयारी
ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर कैलाश गहलोत ने बताया कि जब पहले ऑड-ईवन लागू हुआ था, तब प्राइवेट कॉन्ट्रैक्ट कैरिज की करीब 1200 बसें हायर की गई थीं। उसके बाद करीब 500 बसें आई थीं। अगर एक बार फिर से ऑड-ईवन लागू होता है तो फिर सरकार कॉन्ट्रैक्ट कैरिज बसों को पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम में लाना चाहती है। ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने डीटीसी को लिखा है। इन बसों में कंडक्टरों की नियुक्ति डीटीसी करती है और ऐसे में डीटीसी को कहा गया है कि कंडक्टरों की भर्ती को लेकर भी तैयारी की जाए। जितने दिन ऑड- ईवन लागू होता है, उतने समय के लिए कंडक्टरों की भर्ती की जाती है। ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने डीटीसी के चेयरमैन और एमडी को लिखा है कि ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान के तहत दिल्ली में बसों और मेट्रो की सर्विस में बढ़ोतरी की जानी जरूरी है।
पल्यूशन जब बेहद खतरनाक स्थिति में पहुंच जाता है तो फिर ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान के तहत ऑड-ईवन जैसे कदम उठाए जाते हैं। उस प्लान में पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम के तहत कॉन्ट्रैक्ट कैरिज बसों को जोड़ा जाता है। इन बसों को टेम्परेरी परमिट दिए जाते हैं। एसटीए ऑपरेटर्स एकता मंच का कहना है कि वे सरकार को बसों देने के लिए तैयार हैं, लेकिन सरकार को भी उनकी समस्याओं पर गौर करना होगा। मंच के प्रवक्ता श्यामलाल गोला का कहना है कि अगर सरकार परमानेंट परमिट दें तो फिर एक महीने में ही 200 से 300 बसें लाने को तैयार हैं। जनता की परेशानियों को कम करने के लिए बस ऑपरेटर्स सरकार के साथ मिलकर चलने को तैयार हैं।
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Delhi News Dated 24/10/17
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पिछली बार जब ऑड-ईवन लागू हुआ था, तब प्राइवेट कॉन्ट्रैक्ट कैरिज की करीब 1200 बसें हायर की गई थीं
प्राइवेट कॉन्ट्रैक्ट कैरिज बसों को किराए पर लेने के लिए डीटीसी को लेटर लिखा
• नई दिल्ली : ऑड-ईवन स्कीम लागू होने पर एक बार फिर से प्राइवेट कॉन्ट्रैक्ट कैरिज बसों को हायर किया जाएगा। दिल्ली सरकार के ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने कॉन्ट्रैक्ट कैरिज बसों को लेकर डीटीसी के चेयरमैन को लेटर लिखा है। डीएमआरसी चेयरमैन को भी लेटर लिखकर मेट्रो की फ्रीक्वेंसी बढ़ाने की बात कही गई है। ऑड-ईवन की तैयारियों को लेकर ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर कैलाश गहलोत ने सोमवार को ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के अधिकारियों के साथ मीटिंग की। स्कीम लागू होने पर क्या कदम उठाए जाएंगे, इसपर चर्चा की गई। कॉन्ट्रैक्ट कैरिज की बसों को लाने से लेकर कंडक्टरों की भर्ती के मुद्दे पर भी चर्चा हुई।
बसों को लेकर तैयारी
ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर कैलाश गहलोत ने बताया कि जब पहले ऑड-ईवन लागू हुआ था, तब प्राइवेट कॉन्ट्रैक्ट कैरिज की करीब 1200 बसें हायर की गई थीं। उसके बाद करीब 500 बसें आई थीं। अगर एक बार फिर से ऑड-ईवन लागू होता है तो फिर सरकार कॉन्ट्रैक्ट कैरिज बसों को पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम में लाना चाहती है। ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने डीटीसी को लिखा है। इन बसों में कंडक्टरों की नियुक्ति डीटीसी करती है और ऐसे में डीटीसी को कहा गया है कि कंडक्टरों की भर्ती को लेकर भी तैयारी की जाए। जितने दिन ऑड- ईवन लागू होता है, उतने समय के लिए कंडक्टरों की भर्ती की जाती है। ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने डीटीसी के चेयरमैन और एमडी को लिखा है कि ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान के तहत दिल्ली में बसों और मेट्रो की सर्विस में बढ़ोतरी की जानी जरूरी है।
पल्यूशन जब बेहद खतरनाक स्थिति में पहुंच जाता है तो फिर ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान के तहत ऑड-ईवन जैसे कदम उठाए जाते हैं। उस प्लान में पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम के तहत कॉन्ट्रैक्ट कैरिज बसों को जोड़ा जाता है। इन बसों को टेम्परेरी परमिट दिए जाते हैं। एसटीए ऑपरेटर्स एकता मंच का कहना है कि वे सरकार को बसों देने के लिए तैयार हैं, लेकिन सरकार को भी उनकी समस्याओं पर गौर करना होगा। मंच के प्रवक्ता श्यामलाल गोला का कहना है कि अगर सरकार परमानेंट परमिट दें तो फिर एक महीने में ही 200 से 300 बसें लाने को तैयार हैं। जनता की परेशानियों को कम करने के लिए बस ऑपरेटर्स सरकार के साथ मिलकर चलने को तैयार हैं।