Friday 20 October 2017

राजस्थान सरकार का फरमान, सरकारी अफसरों के भ्रष्टाचार की जांच के लिए सरकारी मंज़ूरी अनिवार्य

राजस्थान सरकार का नया फरमान, सरकारी अफसरों के भ्रष्टाचार की जांच केलिए सरकारी मंज़ूरी अनिवार्य, मीडिया पर भी पाबंदी

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State News Dated 20/10/17
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नए फरमान के अनुसार किसी मजिस्ट्रेट को ये अधिकार नहीं होगा कि वो किसी सरकारी अफसर, जज या मजिस्ट्रेट के खिलाफ जांच का आदेश दे भले ही उन लोगों के खिलाफ कितने भी संगीन आरोप क्यों ना हो। उनके खिलाफ जांच का आदेश सिर्फ सरकारी इजाज़त के बाद ही मुमकिन हो पायेगा।


अध्यदेश में ये भी कहा गया है कि मीडिया को इन अफसरों के खिलाफ आरोपों की रिपोर्टिंग की इजाज़त नहीं होगी। इस अध्यदेश पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए स्वराज इंडिया के संस्थापक योगेंद्र यादव ने कहा कि ऐसा करके वसुंधरा राजे सिंधिया ने सत्ता से विदाई की तैयारी शुरू कर दी है है।
उन्होंने ट्वीट कर के कहा, “कोई जांच नहीं, कोई रिपोर्टिंग नहीं। नेताओं और बाबुओं का पूरा बचाव। क्या वसुंधरा राजे सरकार अपनी विदाई की तैयारी कर रही है?”
दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट के वकील और यादव के सहयोगी प्रशांत भूषण ने कहा, “तो अब नेताओं के भरष्टाचार के खिलाफ कोई जांच तब नहीं होगी जब तक खुद नेता इस की इजाज़त न दें। ये है वसुंधरा राज।”
राजस्थान में अगले साल के अंत में चुनाव होने वाले हैं। विश्लेषकों का मानना है कि इस अध्यदेश के माध्यम से वुसंधरा ने चुनाव से पहले ही अपनी हार मान ली है।
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