जीएसटी (GST) पर व्यापारियों की चिंताओं को अगली बैठक में उठाएंगे : मनीष सिसोदिया
- दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने करीब 32 ट्रेड एसोसिएशन के प्रतिनिधियों से मुलाकात की
- सिसोदिया ने कहा,व्यापारियों के इनपुट आम लोगों के लिहाज से भी अहम
जीएसटी (GST) में हम जितना टैक्स रेट कम रखेंगे और इसको जितना सरल बनाएंगे,देश को उतना ही फायदा होगा। दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने ये बात जीएसटी पर विभिन्न ट्रेड एसोसिएशन के प्रतिनिधियों से मंगलवार को एक मुलाकात के बाद कही।
वित्त मंत्री ने ये भी कहा कि दिल्ली के आम लोगों हितों और व्यापारियों की चिंताओं को वो आगामी 3 जून की जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में उठाएंगे।
उन्होंने कहा, “दिल्ली के करीब 32 ट्रेड एसोसिएशन के साथ बातचीत की है। उनसे कुछ इनपुट आए हैं जो व्यापारियों के लिए ही नहीं बल्कि आम आदमी के लिहाज से भी बहुत जरूरी हैं। देश में जीएसटी लागू होना चाहिए लेकिन ठीक से लागू किया जाना चाहिए।“
वित्त मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार, हमारी पार्टी और दिल्ली जीएसटी के समर्थक है लेकिन मैं बार-बार कहता रहा हूं कि जीएसटी के प्रॉविजन्स और प्रोसिजर्स देश के व्यापारियों और आम आदमी को ध्यान में रखकर बनाए जाने चाहिए।
विभिन्न ट्रेड एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने जीएसटी को लेकर अपने-अपने व्यापार की चिंताओं से दिल्ली के वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया को अवगत कराया। मसलन, ऑप्टिकल एसोसिएशन के प्रतिनिधियों से बताया कि जीएसटी में चश्मों पर 18 फीसदी का टैक्स लगा दिया है और ये लग्जरी आइटम में डाल दिया गया है। आज के वक्त में नजरों की बीमारी आम बात है। ऐसे में चश्मा लोगों की जरूरत है, न कि लग्जरी आइटम।
इसी तरह, मार्बल एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने बताया कि दिल्ली सरकार ने अपने बजट में मार्बल पर टैक्स घटाकर 5 फीसदी कर दिया था। लेकिन अब जीएसटी में मार्बल पर 28 फीसदी का टैक्स देना पड़ेगा जिससे लोगों को घर बनाना और किचन-बाथरूम रिपेयर कराना महंगा हो जाएगा।
वहीं, होटल इंडस्ट्री वालों ने बताया कि 1000 रुपये से ऊपर के होटल रूम पर अब लग्जरी टैक्स देना होगा।
आम आदमी पार्टी सरकार ने इस स्लैब को बढ़ाकर 1500 रुपये से ऊपर के होटल रूम पर लग्जरी टैक्स का प्रावधान किया था। होटल इंडस्ट्री के लोगों ने बताया कि थाईलैंड में होटल पर 6 फीसदी टैक्स है। इसलिए वहां पर टूरिज्म को बढ़ावा मिलता है जिससे बाकी लोगों को भी काम मिलता है लेकिन हमारे यहां अगर होटल रूम पर 28 फीसदी टैक्स देना पड़ा तो इसका सीधा असर टूरिज्म पर पड़ेगा।
उप-मुख्यमंत्री ने मनीष सिसोदिया ने कहा,व्यापारियों ने चिंता व्यक्त की है कि अगर 28 फीसदी के टैक्स स्लैब पर ज्यादातर आइटम को ले जाया जाएगा और बड़े-बड़े उद्योगपतियों के हिसाब से टैक्स लगाया जाएगा तो ‘मेक इन इंडिया’ का क्या होगा। इससे तो कुटीर उद्योग, लघु उद्योग खत्म हो जाएंगे। कहीं ऐसा ना हो कि आपका जीएसटी ‘मेन इन इंडिया’ को ना खत्म कर दे।
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