Monday 29 May 2017

दो नेता योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण ''आप'' से आप के बीच

- दो नेता योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण ''आप'' से आप के बीच :-


इस बात में कोई शक नही है कि श्री योगेंद्र यादव और श्री प्रशांत भूषण, लगभग एक साल पहले ही आम आदमी पार्टी और अरविंद से किनारा कर चुके है लेकिन इन नेताओं को अन्य नेताओं की श्रेणी में नही रखा जा सकता जिसमे की विनोद कुमार बिन्नी, शाजिया इल्मी  और नये नवेले कपिल मिश्रा को रखा जाता है या फिर रखा जा सकता है |

आम आदमी पार्टी से किनारा करने वालों ने अपनी जिदंगी का मकसद सिर्फ आप को गाली देना या अरविन्द की बुराई करना ही बना लिया था और उन नेताओं को इसी बात का फायदा मिलता रहा है हमेशा जिससे कि उन्हें भाजपा में अच्छी तवज्जो मिली है |

प्रशांत ने आम आदमी पार्टी छोड़ देने के बाद अन्य दलबदलू अवसरवादी नेताओं जैसा नही किया बल्कि दोबारा से अपने प्रसिद्ध PIL तथा समाज सेवा वाले काम का रुख किया | उन्होंने बेशक एक पार्टी तथा अभियान खड़ा किया जोकि भ्रष्टाचार आदि के मामलो के संबंध में देश में अभी कुछ हद तक निचले स्तर पर कार्य कर रहा है |



इसी तरह योगेंद्र ने भी हमेसा सही को सही तथा गलत को गलत कहा है , किसानो के लिए देश भर में उन्होंने भागदौड़ की तथा देश भर के किसानों से मिले | स्वराज इंडिया पार्टी का गठन किया लेकिन कुछ गलत लोगों को शामिल कर बैठे और फिर कुछ हद तक बीजेपी का एजेंट भी कहलाए , शायद उन्हें समझ आ गया होगा कि कुछ गलत लोग भी लालच में सच्चाई के साथ जुड़ जाते है लेकिन केवल मतलब पूरा होने तक |

लेकिन अपनी नैतिकता , सच्चाई और कार्य करने की आदत को योगेन्द्र प्रशांत ने नही छोड़ा क्योंकि इन्हें पता है कि अरविंद में कमियाँ बहुत है , ''आप'' में कमिया बहुत है लेकिन देश के लिए ये कमिया नही बल्कि बहुत कुछ और अन्य है जोकि बेहद नुकसानदायक है तथा उसका विरोध करना जरूरी है |



इन दोनों नेताओं ने बीजेपी में ना जाकर अपनी इज्जत को बनाए रखा तथा इसी वजह से ये आम आदमी पार्टी के अधिकांश लोगो द्वारा समान की नजरो से देखे जाते है हालाँकि कुछ विषयों पर वैचारिक मतभेद के कारण इनकी आम आदमी पार्टी से दूरियां हुई थी |

आम आदमी पार्टी से हटने के बाद ख़ास(अन्य दल में जाना) ना बनने की बजाय ये लोग दोबारा आप के बीच आ गये (स्वराज) और यही सबसे बेहतरीन बात है इनकी |

-निजी विचार
(लेखक आप और स्वराज दोनों का समर्थक है)
  

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