Sunday 21 January 2018

2 साल से लोकपाल पर मुहर नही लगाई लेकिन मात्र 24 घंटे में MLA अयोग्य

लाखों लोगो के फायदे का फैसला दो साल से रुका पड़ा है, लेकिन मात्र 24 घंटे में MLA योग्य 
----------------------------------
दिल्ली News Dated 21/01/18
----------------------------------

राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने चुनाव आयोग की भेजी गयी अनुशंसा पर दिल्ली की आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों को लाभ का पद मामले में अयोग्य घोषित कर दिया है , इतना ही नही इतवार होने के बावजूद राजपत्र तक जारी करवा दिया है |


भारत में राष्ट्रपति केंद्र के इशारों से कार्य करता है और केंद्र की ही सलाह मानता है यानी ये पद केवल एक मुहर नुमा पद है | लेकिन कल ही चुनाव आयोग द्वारा भेजी सिफारिश पर 24 घंटे के भीतर ही मान्य कर देना किसी भी प्रकार से न्यायोचित प्रतीत नही हो रहा है |

कुछ ऐसे बिंदु जो न्याय-अन्याय को स्पष्ट करते है :- पढिये 

1. विधायकों ने पैसा नही लिया, गाडी नही ली, बंगला नही लिया लेकिन फिर भी लाभ का पद माना गया |
2. दिल्ली सरकार ने नियुक्ति बिना LG की मंजूरी के की, यानी ये अवैध थी, तो फिर कैसा केस ??
3. दिल्ली विधानसभा ने पूर्व तिथि से मान्य होने वाला बिल पास करके LG को भेजा जोकि राष्ट्रपति को भेजा गया लेकिन उसको एक साल बाद वापिस कर दिया गया, जबकि शीला दीक्षित सरकार में ये सब आसानी से पास कर दिया गया |
4. हाई कोर्ट ने भी नियुक्ति खारिज की और कहा कि ऐसा पद है ही नही, फिर किस बात का केस ?
5. चुनाव आयोग ने इस बात की सुनवाई की, कि क्या केस चलाया जाए या नही ??
6. वास्तव केस की कोई सुनवाई अभी तक नही हुई |
7. जून 2017 के बाद से विधायकों को सुनवाई के लिए नही बुलाया गया |
8. कार्यकाल समाप्ति से एक दिन( कार्यदिवस) पहले चुनाव आयुक्त श्री जोती ने सिफारिश कर दी |
9. विधायक दिल्ली हाई कोर्ट गए, तो वहां चुनाव आयोग के वकील ने कहा की जानकारी नही है और कोर्ट को गुमराह भी किया ताकि अंतरिम राहत ना मिल सके |
9. मात्र 24 घंटे में राष्ट्रपति ने सिफारिश मान भी ली |



चुनाव आयोग का विधायकों को दिया आखिरी आदेश |


जबकि दिल्ली सरकार के बहुत से महत्वपूर्ण जनहित कानून बिल 2 साल से राष्ट्रपति के पास लम्बित है -

जैसे - लोकपाल बिल , सिटीजन चार्टर बिल आदि

''जिस विधानसभा और सरकार के 20 विधायकों के निलंबन की सिफारिश को महज़ 2 दिन में राष्ट्रपति ने मंजूरी दे दी, उसी सरकार और विधानसभा के लोकपाल जैसे कई सारे अहम कानून राष्ट्रपति के पास 20 महीने से लंबित है।''


भाजपा के नेता यशवंत सिन्हा ने भी बताया न्याय के खिलाफ




बिना लाभ का हानि वाला पद

संविधान के जानकार और पूर्व लोकसभा सचिव PDT आचार्य ने भी कहा है बहुत कुछ कहा है , पढिये उनका पत्र एक चैनल के नाम -




कैसे ये मामला वास्तव में होने वाले लाभ का नही है 

 

क्या था नियुक्ति का आदेश !!



क्या कहा केजरीवाल ने ???

ऊपर वाले ने 67 सीट कुछ सोच कर ही दी थी। हर क़दम पर ऊपर वाला आम आदमी पार्टी के साथ है, नहीं तो हमारी औक़ात ही क्या थी। बस सच्चाई का मार्ग मत छोड़ना। - अरविन्द केजरीवाल

खबर स्टोर